जब से पहलाज निहलानी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं तब से विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं और हैरानी की बात ये है कि इन विवादों को वो खुद न्यौता देते हैं । और इस बार उन्होंने निशाना साधा है आईफ़ा अवॉर्ड्स 2017 पर, जो इस बार न्यूयॉर्क में आयोजित हुआ । पहलाज ने इन पुरस्कारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है।

सबसे पहले तो उन्होंने इस बात पर खेद जताया है कि आईफ़ा में आमिर खान और अक्षय कुमार को क्रमशः उनकी फ़िल्म दंग़ल और एयरलिफ़्ट में बेहतरीन अभिनय करने के लिए बेस्ट एक्टर की श्रेणी में नामांकित नहीं किया गया जबकि इन्हीं फ़िल्म के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला । इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि क्योंकि ये सभी सितारें इनके पेड हॉलिडे में शरीक नहीं होने वाले थे । आईफा पर हमला करते हुए पहलाज ने कहा कि आईफा में जाने वाले सितारों के साथ-साथ उनके परिवार वालों, दोस्तों और बॉडीगार्डस तक के आने जाने का खर्च उठाया जाता है । इतना ही नहीं इन्हें शॉपिंग के लिए पैसे भी दिए जाते है । ये सभी पैसे कहा से आते हैं? आईफा इंडियन सिनेमा के जरिए पैसे कमा रही है लेकिन क्या इंडियन गवर्नमेंट को इसका फायदा मिल पाता हैं?

पहलाज ने यह भी कहा कि जिस दिन से अमिताभ बच्चन ने आईफा से दूरी बनाई उसी दिन से इस अवॉर्ड शो ने अपनी गरिमा और प्रासंगिकता खो दी ।

आईफा को इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का समारोह कहना गलत होगा क्योंकि इस अवॉर्ड शो में सिर्फ बॉलीवुड फिल्मों को प्राथमिकता दी जाती है । जबकि बॉलीवुड अकेले भारतीय सिनेमा नहीं हैं । देश के दूसरें राज्यों में भी फिल्में है ।

दिलचस्प बात ये है कि, उड़ता पंजाब को इसमें नॉमिनेशन मिला और इसी के साथ पोप्यूलर कैटेगरी का अवॉर्ड भी झटका । आपको बता दें कि इस फ़िल्म के रिलीज के वक्त पहलाज ने काफ़ी विवाद खड़ा किया था । पहलाज को इस फ़िल्म से बहुत सारी आपत्ति थी और इसलिए वह इसे ढेर सारे कट के साथ रिलीज करना चाहते थे लेकिन फ़िर फ़िल्म के निर्देशक अनुराग कश्यप ने इसके लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपनी फ़िल्म को आसानी से रिलीज करवाया ।