सलमान खान हमेशा से अपनी एनजीओ बीइंग ह्यूमन के माध्यम से सोशल वर्क करने के कारण चर्चा में रहते है । वह अक्सर अपनी बीइंग ह्यूमन के लिए अपने व्यस्त शेड्यूल में से भी समय निकाल लेते है । लेकिन इस बार उनकी ये एनजीओ खतरे में आ गई है क्योंकि मुंबई की नगरपालिका, बीएमसी ने बीइंग ह्यूमन को ब्लैकलिस्ट कर दिया है । 2007 में स्थापित की गई इस एनजीओ पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है ।

सलमान खान की बीइंग ह्यूमन पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, बीएमसी ने की ब्लैकलिस्ट

इसलिए बीएमसी ने किया बीइंग ह्यूमन को ब्लैकलिस्ट

मामला दरअसल ये है कि, बीईंग ह्यूमन फाउंडेशन को बांद्रा इलाके में डायलसिस यूनिट लगाने थे, जिनके माध्यम से गरीब लोगों का सस्ते दर पर इलाज किया जाना था लेकिन फाउंडेशन इन यूनिट्स को लगाने में नाकाम साबित हुआ । दिसंबर 2016 में बीएमसी ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत 199 डायलसिस यूनिट लगाने का प्रोजेक्ट बनाया था । जिसमें से 24 यूनिट बीईंग ह्यूमन फाउंडेशन को पाली हिल इलाके में लगाने थे । लेकिन तय वक्त के अंदर फाउंडेशन ये यूनिट मुहैया कराने में नाकाम साबित हुआ ।

बीएमसी के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि सलमान के एनजीओ को नोटिस भेजा गया है और इस प्रोजेक्ट के लिए एनजीओ ने जो राशि जमा की थी उसे भी जब्त कर लिया गया है । मुंबई के दहिसर इलाके में शिवम अस्पताल को चलाने वाला एनजीओ 50 रुपए में डायलसिस की सेवा मुहैया कराता है जबकि बीएमसी के अस्पतालों में डायलसिस कराने का खर्च 350 रुपए आता है । इसको कम करने के लिए बीएमसी ने दूसरे एनजीओ से भी सेवा लेने का टेंडर निकाला था जिसमें बीईंग ह्यूमन ने भी आवेदन किया था । सलमान के फाउंडेशन ने डायलसिस का लागत 339.25 रुपए ऑफर की थी ।

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बहरहाल सलमान की एनजीओ को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया है । आपको बता दें कि अतिरिक्त महानिदेशक आयुक्त, आइडिस कुंदन, जो स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रभारी हैं, ने भी इस खबर पर मुहर लगाई है ।

हालांकि इस पूरे मामले पर एनजीओ के अधिकारियों का अलग ही कहना है । अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बीएमसी के साथ आधिकारिक तौर पर कोई करार नहीं किया था । इस प्रोजेक्ट को लेकर फाउंडेशन की कुछ अपनी शर्तें थीं जिन पर बातचीत चल रही थी । लेकिन उन शर्तों को इस करार में शामिल नहीं किया जा सका था ।