शुक्रवार के दिन, 22 सितंबर को राजकुमार राव अभिनीत फ़िल्म न्यूटन ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया । संयोग से जिस दिन ये फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई, उसी दिन इस खबर का ऐलान किया गया । अधिकांश लोग और फ़िल्म इंडस्ट्री इस चयन से बहुत खुश थी । लेकिन कुछ लोग ये जानकर नाखुश थे कि सबसे ज्यादा हिट हुई फ़िल्म बाहुबली 2: द कनक्लूजन को ऑस्कर के लिए नहीं चुना गया । खबरें तो ये भी थी कि प्रियंका चोपड़ा की मराठी फ़िल्म वेंटिलेटर भी इसके लिए मजबूत दावेदार थी और इसके निर्देशक राजेश मापुसकर ने स्वीकारा कि वह और चोपड़ा इससे काफ़ी निराश हुए ।

भले ही लोगों को बाहुबली के ऑस्कर की दौड़ में शामिल न होने का दुख हो लेकिन इसके निर्देशक इससे बिल्कुल परे है । एस. एस. राजामौली अपनी फिल्म बाहुबली 2: द कनक्लूजन के ऑस्कर में शामिल न होने से निराश नहीं हैं । उनका कहना है कि उनका लक्ष्य कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाना और पुरस्कार जीतने के बजाय टीम के लिए पैसा बनाना है । इस बारें में राजामौली ने कहा 'जब मैं फिल्म बनाता हूं तो कभी पुरस्कार के बारे में नहीं सोचता । यह मेरा लक्ष्य नहीं है । मेरा पहला लक्ष्य खुद कहानी से संतुष्ट होना और फिर दर्शकों की अधिकतम संख्या तक पहुंचना है और उनके लिए पैसा कमाना, जिन्होंने इसमें अपनी जान लगाई है । यह मेरे लिए सबसे जरूरी है । अगर पुरस्कार मिलता है, तो मैं खुश हूं । अगर नहीं तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि यह मेरे मानदंडों पर नहीं है ।'

एस एस राजमौली एक प्रमुख तेलगू फिल्म निर्माता है, जो अपनी बाहुबली सीरिज की फ़िल्मों से हर तरफ़ छा गए । बाहुबली का पहला भाग साल 2015 में रिलीज हुआ था और इसमें प्रभास, तमन्ना भाटिया, राणा दग्गुबाती, सत्यराज और अनुष्का शेट्टी अहम भूमिका में नजर आए थे । इस फ़िल्म का तेलगु वर्जन काफ़ी ज्यादा हिट हुआ और इसी के साथ इसका हिंदी वर्जन भी । बाहुबली के पहले भाग ने ही इसके दूसरे भाग के लिए जिज्ञासा जगा दी थी । और इसका दूसरा भाग बाहुबली2: द कनक्लूजन, आया तो इसकी आंधी ऐसी चली जिसने हिंदी सिनेमा के इतिहास को बदल कर रख दिया । इस फ़िल्म सिर्फ़ डब्ड हिंदी वर्जन ने ही 500 करोड़ रु कमाए, जो अभी तक किसी हिंदी फ़िल्म ने नहीं कमाए । इस फ़िल्म की लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी कि हर किसी ने इस फ़िल्म के ऑस्कर जीतने की उम्मीद लगा ली थी ।