Rangoon-26-1

हिंसा और सेक्स के लिए कथित तौर पर इसके अति रूढ़िवादी दृष्टिकोण के लिए भारतीय सेंसर बोर्ड को बुरी तरह से चाबुक मारकर, विशाल भारद्दाज की छल और विश्वासघात से भरी रंगून को भारत में 'यूए' प्रमाण पत्र दिया गया था, इसका मतलब है कि यहां बच्चे बड़े लोगों के साथ बैठकर शाहिद कपूर और कंगना रानौत के कीचड़ से सने इंटीमेट सीन को देख सके ।

वहीं दूसरी तरफ़ इसी फ़िल्म को ब्रिटेन में 'ए 12' प्रमाण पत्र दिया गया जिसका मतलब होता है कि बारह साल से कम उम्र के बच्चे रंग़ून को नहीं देख सकते । सिंगापुर में तो सेंसर ग्रेडिंग और भी कठोर कर दी गई । सिंगापुर में रंगून को रंगून 'एनसी16' प्रदान किया गया है । और इसका मतलब होता है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को इस फ़िल्म को देखने की अनुमति नही दी जाती है ।

रंगून को,भारतीय सेंसर बोर्ड और इसके अंतरराष्ट्रीय समकक्षों द्दारा अलग-अलग रेटिंग देने पर टिप्पणी करते हुए, भारतीय सेंसर प्रमुख पहलाज निहलानी कहते हैं, कि, “यहां हमारा संस्कारी और अधिक रूढ़िवादी होने पर मजाक उड़ाया गया । लेकिन फिल्मों के सेंसर प्रमाण पत्र में हमने विदेश के कई देशो की तुलना में बेफ़िक्रे, ऐ दिल है मुश्किल और रंगून जैसी फ़िल्मों पर ज्यादा उदारता दिखाई । लेकिन निश्चित रूप किसी ने भी हमारी इस उदारता पर ध्यान नहीं दिया । हमें आदिम और बहुत ज्यादा रुढिवादी बताना एक फ़ैशन सा हो गया है, बजाए ये देखने के कि हम फ़र्स्ट-वर्ल्ड की कैटेगरी के देशों से ज्यादा उदार हो सकते हैं ।”