Irrfan-Khan-1

इरफ़ान खान ने काफ़ी समय से हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री से बाहर की फ़िल्में भी करना शुरू कर दिया है । इतना ही नहीं इरफ़ान खान हॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री में भी एक जाना-पहचाना नाम बन गया है । जल्द ही इरफ़ान खान एक बांग्लादेशी फ़िल्म नो बेड ऑफ़ रोजेस में नजर आएंगे लेकिन अब खबर आ रही है कि इरफ़ान की ये फ़िल्म एक मुश्किल में फ़ंस गई है ।

खबरों के अनुसार, बांग्लादेशी फ़िल्ममेकर मुस्तफा सरवर फारूकी की आगामी फ़िल्म नो बेड ऑफ़ रोजेस, जिसे इरफ़ान खान ने ही प्रोड्यूस किया और और मुख्य भूमिका भी निभाई है, पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया है । जब से यह फ़िल्म खबरों में आई तब से ये खबरें जोर पकड़ने लगी कि यह फ़िल्म दिवंगत बांग्लादेशी लेखक और फ़िल्ममेकर हुमायूं अहमद के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 27 सालों की शादी को तोड़ते हुए अपनी पत्नी को तलाक देकर अपनी उम्र से 33 साल छोटी, एक अभिनेत्री से शादी रचा ली । हालांकि निर्देशक ने इन्हें महज अफ़वाहें करार दिया और इसका खंडन किया कि यह फिल्म एक बायोपिक है । बहरहाल अब इस फ़िल्म पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया है ।

समीक्षकों, जिसे पहले ही यह फ़िल्म देखने की छूट मिली, ने कहा की इरफ़ान खान अभिनीत यह फ़िल्म एक डिसक्लेमर के साथ शुरू होती है जिसमें साफ़-साफ़ लिखा है कि इस फ़िल्म का किसी भी जीवित या मृत या किसी भी वास्तविक जीवन पात्रों के साथ कोई मेल नहीं है । इस फ़िल्म को बीते साल, बांग्लादेश फिल्म विकास निगम (BFDC) ने फ़िल्म रिलीज करने का ग्रीन सिग्नल दे दिया था और अब, 12 फ़रवरी को उनसे फ़िल्म को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है । जबकि मामला यह है कि, बीएफ़डीसी के प्रबंध निदेशक तपन कुमार घोष ने हाल ही में ये बताया कि, यह फ़िल्म रिलीज करने का सर्टिफ़िकेट देना बीएफ़डीसी पर निर्भर नहीं था बल्कि बांग्लादेश फिल्म सेंसर बोर्ड को इसे जारी करना था ।

फ़िल्म के निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी के अनुसार, फ़िल्ममेकर्स को सेंसर बोर्ड के पास जाने से पहले बीएफ़डीसी से संपर्क करना पड़ा । अपनी निराशा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि, उन्हें नहीं पता कि उन लोगों ने उनकी फ़िल्म को बैन क्यों किया है । उन्होंने स्वीकारा कि उनकी फ़िल्म कई तथाकथित

वर्जित विषयों को लेकर चर्चा में थी किए एक अधेड़ उम्र के आदमी ने अपनी उम्र से कहीं ज्यादा छोटी लड़की से शादी रचाई, लेकिन वह कहते हैं कि उनकी फ़िल्म में ऐसा कोई कंटेट नहीं है और न ही उन्होंने किसी भी सेंसर कोड का उल्लंघन किया है ।

जब इस प्रतिबंध के बारें में इरफ़ान खान से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, वह वाकई इस बात से बहुत हैरान हैं कि बांग्लादेशी सरकार ने उनकी फ़िल्म को बैनर कर दिया । उन्होंने आगे कहा कि, उनकी फ़िल्म एक मानव की कहानी है, जो पुरुष और महिला के जटिल रिश्ते को बहुत ही सूक्ष्म और संतुलित तरीके बयां करती है । उन्होंने सवाल उठाया कि इस फ़िल्म से समाज को क्या नुकसान है यदि दिखाए जाए तो ।

बहरहाल, फ़ारुकी इस मामले को अब अदालत तक लेकर जाना चाहते हैं । आपको बता दें कि इरफ़ान खान अभिनीत बांग्लादेशी फ़िल्म नो बेड ऑफ़ रोजेस, जावेद हसन नाम के एक फिल्म निर्माता के जीवन की कहानी है जिसने अपनी काफ़ी साल पुरानी शादी को तलाक देकर अपनी बेटी की क्लासमेट रही एक अभिनेत्री से शादी रचा ली थी । इस फ़िल्म में इरफ़ान खान के अलावा,नुसरत इमरोज टिशा, रोकेया प्राचे और पार्नो जैसे सितारों ने अभिनय किया है ।