साल दर साल फ़िल्मों में अपने रोल में जान डालने के लिए कड़ी मेहनत और पसीना बहाने के बाद आखिरकार इस साल बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार को राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में अपनी मेहनत का फ़ल मिला । इस पुरस्कार को देकर हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में उनके काम को पहचाना गया । फ़िल्म रुस्तम में उनके बेहतरीन परफ़ोरमेंस के लिए अक्षय कुमार को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया । हर साल की तरह इस साल भी यह पुरस्कार विवादों की शक्ल लेते जा रहा है, क्योंकि कुछ लोगों को मानना है कि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार आमिर खान को उनकी ब्लॉकब्स्टर फ़िल्म दंगल में उनके शानदार-दमदार परफ़ोरमेंस के लिए मिलना चाहिए था ।

कल, एक मीडिया मीट के दौरान, जब अक्षय कुमार से इस विवाद के बारें में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, "मैं पिछले 25 वर्षों से यही सुनता आ रहा हूं, जब भी कोई पुरस्कार जीतता है, तो इसी प्रकार की चर्चाएं होने लगती हैं । यह कोई नया नहीं है । कोई या दूसरे हमेशा एक विवाद पैदा करते है कि 'उसे यह नहीं जीतना चाहिए था, किसी दूसरे व्यक्ति को जीतना चाहिए था । ठीक है । मैंने 26 वर्षों के बाद यह पुरस्कार जीता है, 'अगर वो भी आपका मन करें तो ले लो' (आप इसे वापस ले सकते हैं अगर आपको लगता है तो) । और जब उनसे पूछा गया कि उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए प्रतिष्ठित पद्मभूषण के लिए विचार किया जाएगा या नहीं, इस पर अक्षय कुमार यह कहने के लिए काफी स्पष्ट थे, कि "इस तरह के पुरस्कार पाने  के लिए आपको ऐसे काम करने है । तभी लोगों को लगता है कि आप इस पुरस्कार के योग्य हैं । हम इन कामों को हमारे स्टंटमेन के लिए कर रहे हैं, जो भी हम कर सकते हैं ।"

फ़िल्मों की बात करें तो, अक्षय कुमार जल्द ही जिन फ़िल्मों में नजर आने वाले हैं वो हैं:-रजनीकांत के साथ फ़िल्म 2.0, टॉयलेट- एक प्रेम कथा, पैडमेन, क्रेक और गोल्ड ।