शशि कपूर, जो 70 व 80 के दशक के सबसे ज्यादा हैंडसम अभिनेता और निर्माता में से एक थे, का सोमवार की शाम लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया । शशि कपूर ने मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांसे ली । वह 79 वर्ष के थे । शशि कपूर 70 और 80 के दशक के मशहूर रोमांटिक स्टार थे । शशि कपूर के भतीजे रणधीर कपूर ने बताया कि दिवंगत अभिनेता की गुर्दे की बीमारी का इलाज किया जा रहा था । उनके तीन बच्चें हैं कुणाल, करण और संजना ।

दिवंग़त अभिनेता शशि कपूर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई । शशि कपूर के पार्थिव शरीर को मंगलवार को मुंबई के जुहू स्थित घर से सातांक्रूज हिंदू शमशानघाट ले जाया जाएगा जहां भारी सुरक्षा के बीच राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया । उनके शव को तिरंगे में लपेट कर लाया गया और पुलिस ने उन्हें तीन बंदूक की सलामी दी । इस मौके पर पूरे कपूर खानदान के साथ शशि कपूर के तीनों बच्चों कुणाल, करण और संजना ने भीगी हुई आंखों से अपने पिता को अंतिम विदाई दी ।

शशि कपूर ने अंतिम संस्कार के दौरान उनके बेटे कुणाल कपूर भतीजे रणधीर कपूर, ॠषि कपूर और राजीव कपूर और भतीजे के बच्चे रणबीर कपूर, आदर जैन, अरमान जैन मौजूद थे । इसके अलावा फ़िल्म इंडस्ट्री से शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन, सैफ़ अली खान, लारा दत्ता, अभिषेक बच्चन, राकेश ओम प्रकाश मेहरा, अनिल कपूर सहित कई बड़े सितारें दिवंगत अभिनेता को अंतिम विदाई देने पहुंचे ।

18 मार्च 1938 को जन्मे, शशि कपूर हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के पितामह पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे पुत्र थे । उन्होंने नाटकों और फिल्मों में 40 के दशक में बतौर बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया। उन्होंने आग (1948) और आवारा (1951) जैसी फिल्मों में अपने बड़े भाई, दिवंगत राज कपूर के बचपन का रोल निभाया था ।

शशि कपूर ने साल 1961 में फ़िल्म धर्मपुत्र से बतौर मुख्य कलाकार अपने फ़िल्मी करियर की शुरूआत की थी । और तब से दिग्गज अभिनेता ने 1970 व 1980 के दशक की अवधि के दौरान करीब 100 से अधिक फ़िल्मों में अभिनय किया । जब जब फ़ूल खिले, सुहाग, प्यार का मौसम, शान, त्रिशुल, दीवार, कभी कभी, नमक हलाल, काला पत्थर जैसी कई आईकॉनिक फ़िल्मों में उनके काम को सराहा गया ।

शशि कपूर को साल 2011 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया । साल 2015 में उन्हें 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया । कपूर खानदान के वो ऐसे तीसरे शख्स थे जिन्हें ये सम्मान हासिल हुआ था ।