शब्दों को हेरफ़ेर कर नहीं कहने वाले, शत्रुघ्न सिन्हा पद्मावती विवाद पर अब अपनी बिरादरी - सिनेमा और राजनीति के लोगों पर भड़क गए है । शत्रुजी कहते हैं कि, "कुछ स्तर पर मैं भाजपा में अपने सहयोगियों की चुप्पी को समझ सकता हूं । आखिर वे क्या कह सकते हैं जब दुश्मनों और विरोधी तत्वों को खुली छूट दी जाती है ? फिर भी मैं यह कहना चाहूंगा कि हमारे ऊर्जावान प्रधान मंत्री और अन्य हाई कमांड की चुप्पी अब बहुत हो चुकी । पद्मावती एक ज्वलंत मुद्दा है । और विरोधी तत्व खुलेआम खतरनाक धमकियां दे रहे हैं । गुंडे भंसाली और दीपिका पादुकोण को मारने की धमकी दे रहे हैं, तो हाई कमांड शांत कैसे रह सकता है ? अब हमारे माननीय प्रधान मंत्री के कहने का समय है, बस अब बहुत हो गया । यदि आप गुंडों को एक स्वतंत्र शासन देते हैं तो वे उन सीमाओं को पार करते रहेंगे जिसे हम कंट्रोल नहीं कर पाएंगे ।"

शत्रुजी फिल्म उद्योग के भीतर फ़ैली चुप्पी को लेकर थोड़े परेशान है । "हमारे देश की सबसे मूल्यवान फिल्म निर्माताओं में से एक को परेशान और धमकाया जा रहा है । और वो सभी ये सब कुछ दूसरे तरीके से देख रहे हैं । बड़े शर्म की बात है । शबाना आज़मी और जावेद अख्तर के अलावा कोई भी, जो हमेशा अन्याय का विरोध करने में निडर हैं-हिंसा की निंदा करने के लिए सामने नहीं आए हैं । मैं बच्चन साब की चुप्पी समझ सकता हूं । वह हमेशा विवादों से दूर रहते है । लेकिन बाकी के बारे में क्या? इंडस्ट्री में इतना सन्नाटा क्यों ?”

उनका मानना है कि भंसाली फिल्म उद्योग के मौन के लिए आंशिक रूप से दोषी है । ''वह कभी भी किसी का समर्थन करने के लिए सामने नहीं आए है । तो क्यों अब कोई आफ़त मौल लेगा । यहां तक कि पहली बार (राजस्थान) उन पर हमला होने के बाद भी उन्होंने एफ़ आई आर दर्ज नहीं करवाई ।"

शत्रुजी का मानना है कि पद्मावती को विरोधी तत्वों को दिखाना ठीक है । ''सांच को आंच नहीं । यदि आप अपने इरादों में ईमानदार हैं, तो आप शंकाशील व्यक्तियों और प्रदर्शनकारियों को फिल्म दिखाने से क्यों डरते हैं ? दिखाओ और बात खत्म करो ।''